सन्देश
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू ,
तब से भूल गइल अपन देश बाबू ।
तोहरा के यादि करे गांव के प्याऊ ,
तोहरा यादि में बिल्ली करे म्यांऊ ।
सब भूलि गइल बाड़ संदेश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू । 1।
गांवे के मिट्टी आबाद करेला ,
बाहर के पइसा बर्बाद करेला ।
इ सब जानि के बाड़ मदहोश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू । 2 ।
पढ़ला -लिखला के मतलब भुला गइलs ,
चकमक के दुनियां में सब लुटा गइलs ।
खो गइल बाड़ सब अपन होश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू । 3 ।
समय रहते चेतs त सबे ठीक ठाक ,
जहां भी रहब तू , रही ऊंची नाक ।
इहे सदा रहल हमर सन्देश बाबू
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू । 4 ।
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