Tuesday, January 23, 2018

सन्देश

सन्देश
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू ,
तब से भूल गइल अपन देश बाबू
तोहरा के यादि करे गांव के प्याऊ ,
तोहरा यादि में बिल्ली करे म्यांऊ
सब भूलि गइल बाड़ संदेश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू 1
गांवे  के मिट्टी आबाद करेला ,
बाहर के पइसा बर्बाद करेला
सब जानि के बाड़ मदहोश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू 2
पढ़ला -लिखला के मतलब भुला गइलs ,
चकमक के  दुनियां में सब लुटा गइलs
खो गइल बाड़ सब अपन होश बाबू ,
जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू 3  
समय रहते चेतs सबे ठीक ठाक ,
जहां भी रहब तूरही ऊंची नाक
इहे  सदा रहल  हमर सन्देश बाबू

जब से गइल बाड़ तू विदेश बाबू 4  

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