Sunday, September 21, 2014

. जयपुर का विकास होना चाहिए पर जयपुर की प्राचीन धरोहर की रक्षा भी की जानी  चाहिए।  मेट्रो की योजना  जयपुर के बाहर चारो ओर से रिंग रोड के माफिक की जाय तो ज्यादा सुगम , सरल एवं कम खर्च की सुविधा युक्त योजना बन सकती है।  जयपुर के भीतर लो फ्लोर वाली बस की योजना यातायात में ज्यादा सुविधाजनक आज बानी हुई है , इसकी संख्या में वृद्धि की जाने की जरुरत है।  जयपुर के सरकारी कार्यालय , सचिवालय आदि आज  भी भीतर से लो फ्लोर बस से जुड़े नहीं है।  आज भी मुख्य मार्ग पर मिनी बसों का चलन है  जिसमें जनता भेड बकरियों की तरह भरी जाती है।  कोई टिकट नहीं।  जो मर्जी  आयें मांग लें, जहाँ मर्जी आएं रोक लें।  जिसमे ज्यादा देर तक खड़े रहने पर कमर टेढ़ी हो जाये। इस दिशा में जनहित में  सरकार  एवं जनप्रतिनिधि को ध्यान देना चाहियें - भरत मिश्र प्राची।  पत्रकार , जयपुर 


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9. साहित्य -मंडल श्री नाथद्वारा के तत्वावधान में १५ सितम्बर २०१४ को  आयोजित हिंदी लाओ देश बचाओ ! समारोह में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र खेतडी नगर से निरंतर २८ वर्षो से भारतीय जनभाषा की विशिष्ट हिंदी मासिक पत्रिका कंचनलता के संपादक डा. भरत मिश्र प्राची को संपादन में उल्लेखनीय कार्य के लिए संपादक रत्न से सम्मानित किया गया।  - अशोक 
10. राजस्थान राज्य के हुए विधान सभा चुनाव में ४ में से ३ सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज कराकर यह साबित कर दिया कि जनता बढ़ती महंगाई के लिए किसी को भी माफ़ नहीं कर सकती।  अभी हाल  में ही  हुए विधान सभा चुनाव में महंगाई एवं बेरोजगारी को लेकर जिस भाजपा के नेतृत्व में पूरा विश्वास जताया , उसी के प्रति इस दिशा में कोई विशेष बदलाव न पाकर निराश प्रदेश की अवाम ने अविश्वास दर्शा दिया।  इसे प्रदेश की भाजपा सरकार को गंभीरता से लेंना चाहिए - प्राची 
11. हिंदी दिवस पर चल रहे पखवाड़े के दौरान मुख्य ये प्रसंग !
    जहां गुड मॉर्निंग से सूर्योदय होता हो , गुड इवनिंग से सूर्यास्त ! निशा की गोद में सोये -सोये इंसान बुदबुदाता हो , गुड नाईट - गुड नाईट ! किसी के पैर पर पैर पड़ जाय , तो सॉरी , गुस्सा आने पर , नानसेंस , इडियट , गेट आउट आदि की ध्वनि गूंजती हो , कैसे कोई  कह सकता है कि यह यहीं देश है , जहाँ की ९० प्रतिशत जनता हिंदी जानती ,समझती एवं बोलती है। जहां का हिंदी के नाम रोटी कहने वाला हिंदी अधिकारी अपने आप को हिंदी ऑफिसर कहना बेहत्तर समझता है।  अंग्रेजी  आती हो या नहीं पर अंग्रेजी का अख़बार मंगाना , एक फैशन जहां बन गया हो , जहां की संसद में आज भी गुलामी की भाषा अंग्रेजी का वर्चस्व कायम हो , कैसे कोई कह सकता कि यह वहीं देश है , जहां की राष्ट्रभाषा हिंदी है।  
 बहुत सरल सबकी परिभाषा ,दे सकती हिंदी ही भाषा !
जन जीवन  उत्थान की आशा , हिंदी है इस देश की भाषा !!
           - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार , जयपुर


Tuesday, September 2, 2014

राजस्थान राज्य के  वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के पूर्व कार्यकाल के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सीकर रोड पर आनंद लोक फेज -२ में आवटित भूखंड की हालत अभी तक बहुत ही खराब है।  जब कि  आवंटित होते समय तत्काल इसे विकसित करने की बात जेडीए द्वारा की गई थी।  इस  सरकार के बदलते ही सब कुछ अधर में लटक गया।  इस जगह पर विकास बिल्कुल  नहीं हुआ है।  अभी तक इस फेज के लिए मुख्य मार्ग से जोड़ने का रास्ता भी तय नहीं हुआ है।  भूखंडों पर सही मार्किंग भी नहीं है। न पानी है न सड़क है।  आखिर कोई मकान बनाएं तो कैसे ? फिर से श्रीमती वसुंधरा राजे सरकार की वापसी हुई है। इसी तरह के हालत प्राय: १० वर्ष पूर्व सीकर रोड के आवंटित सभी भूखंडों के है।  वसुंधरा सरकार से उम्मीद है कि शीघ्र  ही इस दिशा में आवश्क कार्यवाही होगी। जिससे इन आवंटित भूखंडों के काया कल्प बदलेंगे।  जहां विकसित भूखंडों की तरह पार्क , सड़क , पानी की सुविधा मुहैया होगी जिससे इस पर मकान  बनाने का  उचित माहौल बनेगा. - भरत मिश्र प्राची स्वतंत्र पत्रकार   

2-  मोदी के नेतृत्व  वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने संसद में लोक लुभावन बजट पेश कर दिया हैं। जहां हर वर्ग को खुश करने  का प्रयाश किया गया हैं।  बजट बाद बाजार में आम आदमी को कितना राहत मिल पता हैं , यह मार्के की बात हें. महंगाई  से झुझ रही जनता को बाजार में कितना राहत मिल पाता  हें,.बेरोजगार को कितना रोजगार मिल पाता  हैं ,अपराध कितना रुक पाता हें. यही अब देखना हें. यदि सफलता मिलती है तो बजट जनहितकारी माना  जायेगा!

3- आपने मेरे जन्म दिन पर मुझे याद किया , बधाई दी, बहुत बहुत धन्वाद ! ईश्वर आपको सुख शांति समृद्धि दें!
आपका ही 
भरत मिश्र प्राची 
 पत्रकार 

4- एक साक्षात्कार के दौरान एक शोध छात्र  ने मुझसे पूछा कि आप अपने सृजन में भारतीय लोकतंत्र में प्रायः उसके श्याम  पक्ष को ही देखते आये हैं।  क्या भारतीय लोकतंत्र में शुक्ल पक्ष है ही नहीं ? मैंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान दशा और दिशा पर एक नजर डालें तो कहीं से भी शुक्ल पक्ष जो  नजर आना चाहिए , नजर नहीं आ रहा हैं।  जब से देश आजाद हुआ हैं, आजादी के साथ ही सत्ता पर कब्ज़ा करने की राजनीति शुरू हो गई।  सत्ता पाने के लिए अर्थ बल , बहु बल दोनों का प्रयोग होने लगा।  समय अंतराल में सत्ता पर बाहुबलियों ,माफियाओं ,असामाजिक गिरोहो का कब्जा होता चला गया। देश में विकास तो हुआ पर विकास से ज्यादा लूट -पाट  होती रही।  देश को पहले विदेशियों  ने लूटा , अब अपने ही लूट रहे हैं। देश में समस्याएं बढ़ती रही , सत्ता बदलती रही , पर कोई ठोस परिणाम अभी तक नहीं निकल पाया। एक से बढ़कर एक निकले।  सुशासन कस आश्वासन देकर सत्ता हथियाते रहे और देश की भोली भली जनता इनके माया जल में फंसती रही।  आजादी के बाद आज तक देश की जनता मृगतृष्णा की तरह भटकती रही इज उसे चैन की रोटी नसीब नहीं हो सकी । इस तरह के हालत में जहाँ जनता महंगाई की चक्की में पिसती रही हो , रोजगार के लिए भटकती रही हो ,टैक्स पर टैक्स के भर तले  दबती रही हो , कौन से शुक्ल पक्ष की बात की जाय। हाँ! भारतीय लोकतंत्र में आराम की जिंदगी   जी रहे नेताओं के जन जीवन में शुक्ल पक्ष अवश्य नजर आ रहा हैं। भले देश की आवाम परेशान हो।  ऐसे हालत तो श्याम पक्ष ही दिखाएंगे। - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार 



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5- राज्य सरकार के बजट १४-१५ में जरूरत मंदो को ही निःशुल्क दवाई , ईलाज  देने का प्रावधान हैं , सरकार की यह पहल बेहतर मानी  जा सकती हैं।  इस दिशा में एक और सुधार किये जाने की महती आवश्यकता हैं कि  राजकीय चिकित्सा से जुड़े चिकित्सकों के  घर पर चालू  निजी प्रैक्टिस को भी तत्काल बंद किये जाने का प्रावधान किया जाना चाहियें ] जिससे इस दिशा में हो रहे गोरखधंधे को बंद किया जा सके. . ;इसे निश्चित समय तक   सरकारी सेवा करने की   अनिवार्यता के साथ  ही मेडिकल डिग्री देने का प्रावधान हेतु  जनहित में कानून का  दर्जा दिया जाना चाहिएँ और शक्ति से इसे लागू  भी किया जाना चाहिए। चिकित्सा एक जनहितकारी योजना हैं , जो धंधा का रूप ले चुकी हैं। इस दिशा में मनन एवं अमल होना चाहिए।  -- भरत मिश्र प्राची पत्रकार जयपुर 

6. आज देश की सबसे बड़ी ज्वलंत समस्यां रोजी - रोटी की हैं।  देश की अवाम सुख शांति से दो जुन की रोटी खाना चाहती हैं। आज वह भी इस बढ़ती महँगाई के युग में नसीब नहीं। देश की अवाम समस्या के निदान के लिए सत्ता परिवर्तन करती रही पर आज तक इस दिशा में सफलता नहीं मिल पाई।  सुशासन का आश्वासन सभी देकर आज तक जनता को छलते रहे।  कोई नही यहाँ नेक हैं / पक्ष विपक्ष दोनों  एक हैं / बंदरबांट सब कर रहे हैं / पूरे  देश को चर रहे हैं।  इसी कारण आज समस्याएं कम होने के वजाय बढ़ती ही जा रही हैं।  महंगाई को लेकर सरकार बदली पर महंगाई और बढ़ गई।  विदेशी बाजार के हालात  बनते ही जा रहे हैं।  रोजगार के नाम लूट की प्रक्रिया हर जगह जारी हैं।  आतकवाद के पग दिन पर दिन पसरते जा रहे हैं।  जब तक लोकतंत्र पर माफियाओं , आसामाजिक गिरोहो का राज रहेगा तब तक देश में लूट पाट  का बाजार कायम रहेगा। कालाबाजारी , भ्रष्टाचार का व्यापार चलता रहेगा।  फिर  सुशासन कहाँ से आयेगा ? सरकार चाहे कोई भी हो जब तक सरकार को चलाने वाले सही नहीं होगें तब तक देश की समस्याएं कम नहीं होगी. . आज  जरुरत हैं लोकतंत्र से ऐसे लोगो को हटाने की जिनका चरित्र साफ नहीं।  देश में जब तक लूट पाट जारी रहेगी , सत्ता चाहे बदलती रहे , समाधान निकालना मुश्किल हैं। - भरत मिश्र प्राची ,पत्रकार जयपुर 

7. चुनाव से पूर्व प्याज ने सभी को रुलाया अब चुनाव के बाद टमाटर ने सभी के चेहरे का रंग उड़ा दिया हैं।  मंडी में आने से पूर्व टमाटर जो २ रूपये प्रति किलो था वहीँ मंडी के कब्जें में आने के बाद आज १०० रूपये प्रति किलो बिकने लगा हैं। इस तरह के हालात जो बना रहें हैं , वे देश में महंगाई बढ़ाने में सहयक हैं।  इस तरह के लोग कभी भी देश हित की बात नहीं सोच सकते।  इनके लिए स्वहित सर्वोपरि होता हैं। काले धन इकठा करने की भूमिका में इस तरह के लोग ही  सक्रिय होते हैं जो देश की सरकार बनाने  की प्रक्रिया  में भी धन खर्च कर सहयोगी पृष्टभूमि निभाते हैं। इसी सहयोग के बदले  वे चुनाव बाद कालाबाजारी के माध्यम से कई गुणा धन अपने पास जमा कर लेते हैं।  इस सहयोग के कारण सरकार भी इनके खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में आँखें बंद कर लेती हैं।  जब सरकार की आँख खुलती हैं तब तक बहुत कुछ देश का लूट गया रहता हैं।  इस दिशा में मंथन करने की आवश्यकता हैं।  - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार 
     भरत मिश्र प्राची की प्रकाशित पुस्तकें !
१. भोर की तलाश(उपन्यास) प्रकाशक:- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली 
२. मोहभंग ((उपन्यास)       प्रकाशक :- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली
३. सूरज को उगने दो (काव्य) प्रकाशक :- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली
४. संस्कार  ( कहानी संग्रह ) प्रकाशक :- सिल्वर बैल एम -७२ पंचशील गार्डन ,नवीन शाहदरा दिल्ली 
५. सत्ता संघर्ष(निबंध संग्रह) प्रकाशक :- अक्षर माला ए -४७ अमर कालोनी लाजपत नगर  नई  दिल्ली ११००२४ 
६. शून्य काल(निबंध संग्रह )प्रकाशक :- विद्यापीठ पब्लिकेशन हॉउस २/६० ए भीम गली विश्वास नगर शाहदरा दिल्ली 
७. गुलामी की ओर बढ़ते कदम (निबंध संग्रह ) प्रकाशक :-मैग्पाई पब्लिशर्स  एम -७२ पंचशील गार्डन,नवीन शाहदरा दिल्ली32
८ सत्ता , मुद्दा और राजनीति (निबंध संग्रह ) प्रकाशक : राष्ट्रीय पुस्तक सदन  दिल्ली - ११००९४ मूल्य २००रुपये वर्ष २०१३ 
९ लाभ तंत्र (निबंध संग्रह ) प्रकाशक : नवयुग साहित्य परिषद , दिल्ली मूल्य २०० रूपये 
१० पैसा बोलता है ( निबंध  संग्रह) प्रकाशक:-  लक्ष्मी  बुक हॉउस  ६/४९ तृतीय तल गली न. विश्वाश नगर  शाहदरा दिल्ली मूल्य २५० रूपये 
११ डॉ  प्राची के निबंधों में समकालीन बोध : लेखक : डॉ. दीनानाथ सिंह प्रकाशक:- चेतन साहित्य मंदिर ए -४७ अमर कालोनी लाजपत                                                              नगर  नई  दिल्ली ११००२४ मूल्य १५० रूपये 
१२. बहुचर्चित कहानियां : संपादक : भरत मिश्र प्राची, प्रकाशक : वार्ष्णेय प्रकाशन शाहदरा दिल्ली मूल्य :२५०रूपये वर्ष 2014  
यदि आप इन पुस्तकों को मंगाना चाहते हैं तो सीधे प्रकाशक से संपर्क कर सकते हैं या मुझे पत्र लिख सकते हैं।  इन पुस्तकों पर अधिकतम छूट का प्रावधान हैं। 
_ कलावती देवी प्रकाशक डी -९६ सेक्टर ३ए खेतड़ी  नगर -३३३५०४ झुंझुनू  राजस्थान मोब. 9414541326 







State of Rajasthan   Chief Minister Vasundhara Raje current tenure of the former  under the  Jaipur Development Authority  on the Sikar Road  Anand Lok Phase-2 Avtit plot  is very bad condition yet.   until that   instant when the allotted by JDA to develop it was made.   the   government's  changing everything hangs in the balance.   development at the place   has not.   still the main route connecting the phase is not the way to go.   plots marking is not correct . Neither  water nor road.   finally how to make a house  ?  again Mrs  Vasundhara Raje  government has been recalled. Similarly, the condition often Sikar Road 10 years ago,  all the plots are allocated.   Vasundhara government hopes that soon   this will be proceeding towards essential. Kaya Kalpa change in the allotted plots.   , where plots of developed parks  ,  roads  ,  water facility which will  house the   building   will be a proper atmosphere. - Bharat Mishra, Prachi freelance journalist   

2   Modi led  the  NDA government at the Centre will be presenting the budget in Parliament populist. To please every section   of the Pryash were.  budget how much relief to the common man know the market , it's a marketing  thing to watch. Inflation   Jhuj from the public market could get much relief   demonstration . unemployed find employment finds much to   do , how much crime could stop watch. Hey watch it now. If successful, public-interest as the budget   will !



4- एक साक्षात्कार के दौरान एक शोध छात्र   ने मुझसे पूछा कि आप अपने सृजन में भारतीय लोकतंत्र में प्रायः उसके श्याम   पक्ष को ही देखते आये हैं।   क्या भारतीय लोकतंत्र में शुक्ल पक्ष है ही नहीं  ?  मैंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान दशा और दिशा पर एक नजर डालें तो कहीं से भी शुक्ल पक्ष जो   नजर आना चाहिए  ,  नजर नहीं आ रहा हैं।   जब से देश आजाद हुआ हैं ,  आजादी के साथ ही सत्ता पर कब्ज़ा करने की राजनीति शुरू हो गई।   सत्ता पाने के लिए अर्थ बल  ,  बहु Both force was used.   musclemen on power over time  , mafias  , antisocial Giroho  would have gone capture. Development in the country has so much loot on the development -pat   continued.   country before foreigners   plundered by  ,  now its only  robbed  the. Problems in the country to grow , power has changed , yet can not get any tangible results. One out more than one.  governance tightening his bid for power by assurances are sufficiently naive to the country and the people caught in these waters is an illusion.  since independence till today he's going to linger like a mirage the people could not be denied him the bread of peace  . In such a condition where people are Pisati mill of inflation , are employed to linger , throughout the tax under the tax   are Dbti , which should be a matter of Shukla Paksha. Yes  comfortable life in Indian democracy    leaders living in public life seems bright fortnight's course. Regardless of country Awam upset.  these circumstances, only show the dark side. - Bharat Prachi Mishra , journalist 



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5 Mndo state budget needs only 14-15 free medicine , treatment  that provision , the government considered it better initiative   can be.  improvement in this direction and to be an onerous requirement that  state aid linked to Physicians   working at home   immediately closed to private practice must be provided] are the rackets in this direction could be closed. . ; until it's time    to government service    with the inevitability   only  for provision of medical degree   in public law   must be given the status and power to implement it   should be. Medicare is a public-interest scheme , which has been transformed into business. In this direction should contemplate and execute.  - India Prachi Mishra, journalist Jaipur 

6. today the country's largest vivid Smsyan butter - the bread.  country of peace, the people have to eat the bread of two June. In this era of rising inflation luck today. Diagnose the problem for the people of the country kept up to date on the power switch did not find success in this direction.  Clte people today are giving the assurance of good governance.  someone are not good here / cons of both sides   are / Bandrbant all Are / the whole   country are variable.  similar problems today are growing instead of being reduced.  inflation and inflation soared to change the government.  foreign market conditions   are going to become.  employing the name of loot The process will continue everywhere.  Atkwad step of going day by day Pasrte.  while mafia on democracy , the rule will Giroho Asamajik holdup in the country by then   the market will continue. Black marketing , corruption will continue the business.  again   where good governance comes from ? government no matter who is running the government until the country's problems will not be less. . Today,  democracy requires the removal of such people whose character is not clear.  country will continue until holdup , regardless of power are changing , the solutions are difficult to remove. - Bharat Prachi Mishra , journalist Jaipur 

7. चुनाव से पूर्व प्याज ने सभी को रुलाया अब चुनाव के बाद टमाटर ने सभी के चेहरे का रंग उड़ा दिया हैं।  मंडी में आने से पूर्व टमाटर जो २ रूपये प्रति किलो था वहीँ मंडी के कब्जें में आने के बाद आज १०० रूपये प्रति किलो are selling. Who are building such circumstances , they will assist in increasing inflation in the country.  Such people can not think of any country point of interest.  these are the self-interest is paramount. Fundraising in the role of black people in this   country the government of which are active making   processes   play in the background associate spending money. इसी सहयोग के बदले   वे चुनाव बाद कालाबाजारी के माध्यम से कई गुणा धन अपने पास जमा कर लेते हैं।  इस सहयोग के कारण सरकार भी इनके खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में आँखें बंद  कर लेती हैं।  जब सरकार की आँख खुलती हैं तब तक बहुत कुछ The country remains the loot.  would need to churn in this direction.  - Bharat Prachi Mishra , journalist 
     Bharat Mishra  books published by Prachi!
1. Looking for Dawn (novel) Publisher: - Surendrakumar and Sanz  , 30 / 21A -22a , street Nl9 confidence Nagar Shahdara   Delhi 
2. Disillusioned ((novel)        Publisher: - Surendrakumar and Sanz  , 30 / 21A -22a , street Nl9 confidence Nagar Shahdara   Delhi
3. The sun rises two (Poetry)  Publisher: - Surendrakumar and Sanz  , 30 / 21A -22a , street Nl9 confidence Nagar Shahdara   Delhi
4. Rite   (Story Collection) Publisher: - Silver Bull  M -72 Panchsheel Garden  , Naveen Shahdara  Delhi 
5. Power struggles (essay collection) Publisher  : -  the alphabet A -47 Amar Colony, Lajpat Nagar   , New   Delhi 110024 
6. Zero Hour (essay collection) Publisher: - University Publishing House 2/60 A. Bhim Nagar, Shahdara, Delhi Alley Faith 
7. Steps toward slavery (essay collection) Publisher: Publishers -magpai   -72 M Panchsheel Garden , Naveen Shahdara  , Delhi 32
8 power  ,  and politics issue (essay collection) Publisher: National Book House,   Delhi - 110 094 2013 Price 200rupye 
9 Benefits System (essay collection) Publisher: Navyug Sahitya Parishad  ,  Delhi worth Rs 200 
10 Money talks (essay   collection) Publisher: -  Lakshmi   Book House  6/49 third floor, not the street. Believed Nagar  Shahdara, Delhi worth Rs 250 
11 Dr  Prachi's  essays in the contemporary sense: Author: DR. Dinanath Singh Publisher: - animate Literature Temple  A -47 Amar Colony, Lajpat                                                              Nagar   , New   Delhi 110024  worth Rs 150 
12. Teenager Stories: Editor: Bharat Prachi Mishra , Publisher: Varshney publication Shahdara, Delhi Price: 250rupye Year 2014  
यदि आप इन पुस्तकों को मंगाना चाहते हैं तो सीधे प्रकाशक से संपर्क कर सकते हैं या मुझे पत्र लिख सकते हैं।  इन पुस्तकों पर अधिकतम छूट का प्रावधान हैं। 
_ kalavati Goddess D -96 Sector 3A publisher Khetri   Nagar, Jhunjhunu -333 504  Mob Rajasthan. 9,414,541,326