Wednesday, November 29, 2017

Bhojpuri geet

भोजपुरी गीत
बाति-बाति पर मति तूं खिसियां रानी ,
दूरि चल जाइब , यादि आइब रानी  
पास रहला पर इतना इठलात बाड़ू ,
बाते -बाते पर तूं खिसियात बाड़ू
कइसे निबही जिनगीं बताव रानी !
जब से अइलू तूं हमार जिनगीं में ,
तब से आइल बा बहार जिनगीं में।
उजड़ल घरवा के   तूं बसा दिहलू ,
अलग भइल परिवार के मिला दिहलू।
करनी तोहार ना  भुलाइ रानी !!
तोहरा चलते ही घर हमार बसल ,
तोहरा रहते दुःख दलिदर टकसल
तोहार करनी सब बखान करे ला ,
तोहरा के ही सभे यादि  करे ला
सभे के स्नेह कइसे भुलइबू रानी !!
-  भरत मिश्र प्राची , जयपुर


Sunday, November 26, 2017

chhaka - kavita

            1 
नौकरी देने की तो  , बात करे सरकार ,
उद्योग -धंधे हैं नहीं , है कहां  रोजगार  
है कहां  रोजगार , बता दे अब तो कोई ,
 बंद पड़े सब द्वार , सरकार भी अब सोई 
कह प्राची कविराय , देखकर हालत ऐसी,
युवा कहां पर जाय , हो रही ऐसी -तैसी    
         
          2 
आमजन परेशान हैं , घाटे में व्यापार
कालाधन रूका नहीं , चालू लूट बजार
चालू लूट बजार,सभी दल शामिल इसमें,
कोई हो सरकार , पिसे जनता आखिर में
कह प्राची कविराय , देख हालात देश का ,

वर्णन किया जाय ,बिगड़े इस परिवेश का   

  - भरत मिश्र प्राची , जयपुर  

Bhojpuri Geet

भोजपुरी गीत
 एगो नीक परम्परा !
भोरे किरिनियाँ पहिले , उठत रहल तूं ,
उठि के बड़न  के पांव , छुअत रहल तूं 
कितना नीक  लागत रहे , रहनियाँ बाबू ,
सब भूल गइल ,जब से शहर गइल  बाबू
अब दिने-दिन नीक  आदति छुटत जात बा ,
जितना बाउर आदति बा ,जुड़त जात बा  
कइसे सुधरी बिगड़ल  अदतिया बाबू ,
 सब देखि - देखि के आँखि फाटल बाबू !
पेट काटि -काटि के पढ़वनी तोहके ,
करज लेइके  विदेश भेजनी तोहके   
ओहिजा जाइके  सब भूल जइब बाबू,
 जानि के भी हम ना टोकनी बाबू  !  
थोड़ा सा भी लिहाज करे के  चाहिं ,
 जे कइल,ओकर यादि रहे के  चाहिं  
इतना मतलबी मत तूं बन जा बाबू ,
कि तोहरा जनम पर शरम आवे  बाबू
   - भरत मिश्र प्राची , जयपुर , 9414541326