Sunday, November 26, 2017

Bhojpuri Geet

भोजपुरी गीत
 एगो नीक परम्परा !
भोरे किरिनियाँ पहिले , उठत रहल तूं ,
उठि के बड़न  के पांव , छुअत रहल तूं 
कितना नीक  लागत रहे , रहनियाँ बाबू ,
सब भूल गइल ,जब से शहर गइल  बाबू
अब दिने-दिन नीक  आदति छुटत जात बा ,
जितना बाउर आदति बा ,जुड़त जात बा  
कइसे सुधरी बिगड़ल  अदतिया बाबू ,
 सब देखि - देखि के आँखि फाटल बाबू !
पेट काटि -काटि के पढ़वनी तोहके ,
करज लेइके  विदेश भेजनी तोहके   
ओहिजा जाइके  सब भूल जइब बाबू,
 जानि के भी हम ना टोकनी बाबू  !  
थोड़ा सा भी लिहाज करे के  चाहिं ,
 जे कइल,ओकर यादि रहे के  चाहिं  
इतना मतलबी मत तूं बन जा बाबू ,
कि तोहरा जनम पर शरम आवे  बाबू
   - भरत मिश्र प्राची , जयपुर , 9414541326


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