Sunday, November 26, 2017

chhaka - kavita

            1 
नौकरी देने की तो  , बात करे सरकार ,
उद्योग -धंधे हैं नहीं , है कहां  रोजगार  
है कहां  रोजगार , बता दे अब तो कोई ,
 बंद पड़े सब द्वार , सरकार भी अब सोई 
कह प्राची कविराय , देखकर हालत ऐसी,
युवा कहां पर जाय , हो रही ऐसी -तैसी    
         
          2 
आमजन परेशान हैं , घाटे में व्यापार
कालाधन रूका नहीं , चालू लूट बजार
चालू लूट बजार,सभी दल शामिल इसमें,
कोई हो सरकार , पिसे जनता आखिर में
कह प्राची कविराय , देख हालात देश का ,

वर्णन किया जाय ,बिगड़े इस परिवेश का   

  - भरत मिश्र प्राची , जयपुर  

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