Tuesday, November 18, 2014

Bhjho auor samjho - Aage hone wala haen kya ?
Bund Bund Tapka,
Eak Eak Lapka.
Fhir bhi Bhara na Matka !
Bharat Mishra Prachi , patrakar Jaipur Rajsthan

Friday, October 31, 2014

सफेदपोश वालों का बोलबाला हैं तन गोरा दिखता पर मन काला  हैं !
कोई विभाग बच नहीं पाया इनसे,जहाँ हाथ डालो वहीं नया घोटाला हैं !!
बदल  गई अपराध की परिभाषाएं बगल में बंदूक ,हाथ कंठी माला हैं !
सौदागरों के हाथ बिक रहा यह देश लुटने वाला ही सबका रखवाला हैं !
घूम रहें है निडर हो अंगरक्ष के साथ ,देश में हर माल इनका निवाला है !
संसद का  गलियारा सशंकित आज कोई गंभीर संकट आनेवाला है !
समझौता की जिस नीति पर है पांवगिरने से न  कोई बचानेवाला हैं !
नाटक करने में सभी हैं माहिर यहां , एक से बढ़कर एक नौटंकीवाला हैं !
इस तरह  के हालात का काला धनलगता नहीं कभी वापिस आनेवाला है !!
                               - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार , जयपुर ,09414541326 

Saturday, October 18, 2014

   जयपुर जिला कलेक्टर ,,श्री कृष्ण कुणाल जी  से मिलने एक दिन उनके कार्यालय जब गया तो उनके पीए ने बताया कि साहब आज किसी से मिल नहीं रहें हैं।  आज मीटिंग में व्यस्त रहेंगें।  मैंने पीए से अनुरोध किया कि मेरा कार्ड अंदर भेज दें यदि समय मिला तो ,  चाहूंगा।  मेरे अनुरोध पर पीए ने मेरा कार्ड अंदर भेज दिया।  मैं पीए  के कार्यालय में जबाब आने तक इंतजार करने लगा।  कुछ देर बाद कार्यालय का चपरासी मेरे पास एक ग्लास पानी एवं ग्रीन टी कप रखी ट्रे  के साथ हाजिर हुआ तथा निवेदन किया कि आप चाय पानी तब तक लीजिये , साहब जैसे ही मीटिंग से फ्री होंगे , आपको बुला लेंगे।. पूरे  जीवन में किसी अधिकारी दवारा इस तरह आदर भाव मैंने पहली बार देखा , मन ही मन इस भाव को प्रणाम किया।  कुछ देर बाद जैसे ही बैठक समाप्त हुई , अंदर से मिलाने का बुलावा आ  गया।  अंदर प्रवेश करते ही जिला कलेक्टर महोदय ने बड़े ही सहज ढंग से कहा कि बैठक के कारण  आपको प्रतीक्षा करनी पड़ी , इस बिलम्ब के लिए क्षमा चाहता हूँ।  अब आप बताएं कैसे आना हुआ।  इस व्यवहार ने तो मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि  इस देश में इस तरह के भी सरल एवं सहज व्यकितत्व वाले उच्च अधिकारी भी हो सकते है।  मैंने अपना निवेदन उनके पास रखा और उन्होने तत्काल कार्यवाही के आदेश सामने ही पीए को बुलाकर जारी कर दिए।  इस तरह का आचरण एवं कार्यवाही मैने जीवन में पहली बार किस उच्च अधिकारी की देखी।   फिर सोचा यदि इस तरह के अधिकारी मेरे देश को मिल जाय तो यह देश फिर से सोने की चिड़िया का देश हो जाय।  फिर न तो किसी काम के लिए कहीं किसी को भटकना पड़े न परेशान होना पड़े।  दीपावली के पवन पर्व पर इस तरह के व्यवहार वाले समस्त अधिकारियों  के मंगलमय जीवन की कामना के साथ उनके आदर्शमय कार्य प्रणाली की इस उद्देश्य के साथ याद करता हूँ , उसका आलोक देश से तिमिर भगाने में सहायक होगा।  - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार ,  9414541326 

Sunday, September 21, 2014

. जयपुर का विकास होना चाहिए पर जयपुर की प्राचीन धरोहर की रक्षा भी की जानी  चाहिए।  मेट्रो की योजना  जयपुर के बाहर चारो ओर से रिंग रोड के माफिक की जाय तो ज्यादा सुगम , सरल एवं कम खर्च की सुविधा युक्त योजना बन सकती है।  जयपुर के भीतर लो फ्लोर वाली बस की योजना यातायात में ज्यादा सुविधाजनक आज बानी हुई है , इसकी संख्या में वृद्धि की जाने की जरुरत है।  जयपुर के सरकारी कार्यालय , सचिवालय आदि आज  भी भीतर से लो फ्लोर बस से जुड़े नहीं है।  आज भी मुख्य मार्ग पर मिनी बसों का चलन है  जिसमें जनता भेड बकरियों की तरह भरी जाती है।  कोई टिकट नहीं।  जो मर्जी  आयें मांग लें, जहाँ मर्जी आएं रोक लें।  जिसमे ज्यादा देर तक खड़े रहने पर कमर टेढ़ी हो जाये। इस दिशा में जनहित में  सरकार  एवं जनप्रतिनिधि को ध्यान देना चाहियें - भरत मिश्र प्राची।  पत्रकार , जयपुर 


3.

9. साहित्य -मंडल श्री नाथद्वारा के तत्वावधान में १५ सितम्बर २०१४ को  आयोजित हिंदी लाओ देश बचाओ ! समारोह में राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र खेतडी नगर से निरंतर २८ वर्षो से भारतीय जनभाषा की विशिष्ट हिंदी मासिक पत्रिका कंचनलता के संपादक डा. भरत मिश्र प्राची को संपादन में उल्लेखनीय कार्य के लिए संपादक रत्न से सम्मानित किया गया।  - अशोक 
10. राजस्थान राज्य के हुए विधान सभा चुनाव में ४ में से ३ सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज कराकर यह साबित कर दिया कि जनता बढ़ती महंगाई के लिए किसी को भी माफ़ नहीं कर सकती।  अभी हाल  में ही  हुए विधान सभा चुनाव में महंगाई एवं बेरोजगारी को लेकर जिस भाजपा के नेतृत्व में पूरा विश्वास जताया , उसी के प्रति इस दिशा में कोई विशेष बदलाव न पाकर निराश प्रदेश की अवाम ने अविश्वास दर्शा दिया।  इसे प्रदेश की भाजपा सरकार को गंभीरता से लेंना चाहिए - प्राची 
11. हिंदी दिवस पर चल रहे पखवाड़े के दौरान मुख्य ये प्रसंग !
    जहां गुड मॉर्निंग से सूर्योदय होता हो , गुड इवनिंग से सूर्यास्त ! निशा की गोद में सोये -सोये इंसान बुदबुदाता हो , गुड नाईट - गुड नाईट ! किसी के पैर पर पैर पड़ जाय , तो सॉरी , गुस्सा आने पर , नानसेंस , इडियट , गेट आउट आदि की ध्वनि गूंजती हो , कैसे कोई  कह सकता है कि यह यहीं देश है , जहाँ की ९० प्रतिशत जनता हिंदी जानती ,समझती एवं बोलती है। जहां का हिंदी के नाम रोटी कहने वाला हिंदी अधिकारी अपने आप को हिंदी ऑफिसर कहना बेहत्तर समझता है।  अंग्रेजी  आती हो या नहीं पर अंग्रेजी का अख़बार मंगाना , एक फैशन जहां बन गया हो , जहां की संसद में आज भी गुलामी की भाषा अंग्रेजी का वर्चस्व कायम हो , कैसे कोई कह सकता कि यह वहीं देश है , जहां की राष्ट्रभाषा हिंदी है।  
 बहुत सरल सबकी परिभाषा ,दे सकती हिंदी ही भाषा !
जन जीवन  उत्थान की आशा , हिंदी है इस देश की भाषा !!
           - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार , जयपुर


Tuesday, September 2, 2014

राजस्थान राज्य के  वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के पूर्व कार्यकाल के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सीकर रोड पर आनंद लोक फेज -२ में आवटित भूखंड की हालत अभी तक बहुत ही खराब है।  जब कि  आवंटित होते समय तत्काल इसे विकसित करने की बात जेडीए द्वारा की गई थी।  इस  सरकार के बदलते ही सब कुछ अधर में लटक गया।  इस जगह पर विकास बिल्कुल  नहीं हुआ है।  अभी तक इस फेज के लिए मुख्य मार्ग से जोड़ने का रास्ता भी तय नहीं हुआ है।  भूखंडों पर सही मार्किंग भी नहीं है। न पानी है न सड़क है।  आखिर कोई मकान बनाएं तो कैसे ? फिर से श्रीमती वसुंधरा राजे सरकार की वापसी हुई है। इसी तरह के हालत प्राय: १० वर्ष पूर्व सीकर रोड के आवंटित सभी भूखंडों के है।  वसुंधरा सरकार से उम्मीद है कि शीघ्र  ही इस दिशा में आवश्क कार्यवाही होगी। जिससे इन आवंटित भूखंडों के काया कल्प बदलेंगे।  जहां विकसित भूखंडों की तरह पार्क , सड़क , पानी की सुविधा मुहैया होगी जिससे इस पर मकान  बनाने का  उचित माहौल बनेगा. - भरत मिश्र प्राची स्वतंत्र पत्रकार   

2-  मोदी के नेतृत्व  वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने संसद में लोक लुभावन बजट पेश कर दिया हैं। जहां हर वर्ग को खुश करने  का प्रयाश किया गया हैं।  बजट बाद बाजार में आम आदमी को कितना राहत मिल पता हैं , यह मार्के की बात हें. महंगाई  से झुझ रही जनता को बाजार में कितना राहत मिल पाता  हें,.बेरोजगार को कितना रोजगार मिल पाता  हैं ,अपराध कितना रुक पाता हें. यही अब देखना हें. यदि सफलता मिलती है तो बजट जनहितकारी माना  जायेगा!

3- आपने मेरे जन्म दिन पर मुझे याद किया , बधाई दी, बहुत बहुत धन्वाद ! ईश्वर आपको सुख शांति समृद्धि दें!
आपका ही 
भरत मिश्र प्राची 
 पत्रकार 

4- एक साक्षात्कार के दौरान एक शोध छात्र  ने मुझसे पूछा कि आप अपने सृजन में भारतीय लोकतंत्र में प्रायः उसके श्याम  पक्ष को ही देखते आये हैं।  क्या भारतीय लोकतंत्र में शुक्ल पक्ष है ही नहीं ? मैंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान दशा और दिशा पर एक नजर डालें तो कहीं से भी शुक्ल पक्ष जो  नजर आना चाहिए , नजर नहीं आ रहा हैं।  जब से देश आजाद हुआ हैं, आजादी के साथ ही सत्ता पर कब्ज़ा करने की राजनीति शुरू हो गई।  सत्ता पाने के लिए अर्थ बल , बहु बल दोनों का प्रयोग होने लगा।  समय अंतराल में सत्ता पर बाहुबलियों ,माफियाओं ,असामाजिक गिरोहो का कब्जा होता चला गया। देश में विकास तो हुआ पर विकास से ज्यादा लूट -पाट  होती रही।  देश को पहले विदेशियों  ने लूटा , अब अपने ही लूट रहे हैं। देश में समस्याएं बढ़ती रही , सत्ता बदलती रही , पर कोई ठोस परिणाम अभी तक नहीं निकल पाया। एक से बढ़कर एक निकले।  सुशासन कस आश्वासन देकर सत्ता हथियाते रहे और देश की भोली भली जनता इनके माया जल में फंसती रही।  आजादी के बाद आज तक देश की जनता मृगतृष्णा की तरह भटकती रही इज उसे चैन की रोटी नसीब नहीं हो सकी । इस तरह के हालत में जहाँ जनता महंगाई की चक्की में पिसती रही हो , रोजगार के लिए भटकती रही हो ,टैक्स पर टैक्स के भर तले  दबती रही हो , कौन से शुक्ल पक्ष की बात की जाय। हाँ! भारतीय लोकतंत्र में आराम की जिंदगी   जी रहे नेताओं के जन जीवन में शुक्ल पक्ष अवश्य नजर आ रहा हैं। भले देश की आवाम परेशान हो।  ऐसे हालत तो श्याम पक्ष ही दिखाएंगे। - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार 



2
5- राज्य सरकार के बजट १४-१५ में जरूरत मंदो को ही निःशुल्क दवाई , ईलाज  देने का प्रावधान हैं , सरकार की यह पहल बेहतर मानी  जा सकती हैं।  इस दिशा में एक और सुधार किये जाने की महती आवश्यकता हैं कि  राजकीय चिकित्सा से जुड़े चिकित्सकों के  घर पर चालू  निजी प्रैक्टिस को भी तत्काल बंद किये जाने का प्रावधान किया जाना चाहियें ] जिससे इस दिशा में हो रहे गोरखधंधे को बंद किया जा सके. . ;इसे निश्चित समय तक   सरकारी सेवा करने की   अनिवार्यता के साथ  ही मेडिकल डिग्री देने का प्रावधान हेतु  जनहित में कानून का  दर्जा दिया जाना चाहिएँ और शक्ति से इसे लागू  भी किया जाना चाहिए। चिकित्सा एक जनहितकारी योजना हैं , जो धंधा का रूप ले चुकी हैं। इस दिशा में मनन एवं अमल होना चाहिए।  -- भरत मिश्र प्राची पत्रकार जयपुर 

6. आज देश की सबसे बड़ी ज्वलंत समस्यां रोजी - रोटी की हैं।  देश की अवाम सुख शांति से दो जुन की रोटी खाना चाहती हैं। आज वह भी इस बढ़ती महँगाई के युग में नसीब नहीं। देश की अवाम समस्या के निदान के लिए सत्ता परिवर्तन करती रही पर आज तक इस दिशा में सफलता नहीं मिल पाई।  सुशासन का आश्वासन सभी देकर आज तक जनता को छलते रहे।  कोई नही यहाँ नेक हैं / पक्ष विपक्ष दोनों  एक हैं / बंदरबांट सब कर रहे हैं / पूरे  देश को चर रहे हैं।  इसी कारण आज समस्याएं कम होने के वजाय बढ़ती ही जा रही हैं।  महंगाई को लेकर सरकार बदली पर महंगाई और बढ़ गई।  विदेशी बाजार के हालात  बनते ही जा रहे हैं।  रोजगार के नाम लूट की प्रक्रिया हर जगह जारी हैं।  आतकवाद के पग दिन पर दिन पसरते जा रहे हैं।  जब तक लोकतंत्र पर माफियाओं , आसामाजिक गिरोहो का राज रहेगा तब तक देश में लूट पाट  का बाजार कायम रहेगा। कालाबाजारी , भ्रष्टाचार का व्यापार चलता रहेगा।  फिर  सुशासन कहाँ से आयेगा ? सरकार चाहे कोई भी हो जब तक सरकार को चलाने वाले सही नहीं होगें तब तक देश की समस्याएं कम नहीं होगी. . आज  जरुरत हैं लोकतंत्र से ऐसे लोगो को हटाने की जिनका चरित्र साफ नहीं।  देश में जब तक लूट पाट जारी रहेगी , सत्ता चाहे बदलती रहे , समाधान निकालना मुश्किल हैं। - भरत मिश्र प्राची ,पत्रकार जयपुर 

7. चुनाव से पूर्व प्याज ने सभी को रुलाया अब चुनाव के बाद टमाटर ने सभी के चेहरे का रंग उड़ा दिया हैं।  मंडी में आने से पूर्व टमाटर जो २ रूपये प्रति किलो था वहीँ मंडी के कब्जें में आने के बाद आज १०० रूपये प्रति किलो बिकने लगा हैं। इस तरह के हालात जो बना रहें हैं , वे देश में महंगाई बढ़ाने में सहयक हैं।  इस तरह के लोग कभी भी देश हित की बात नहीं सोच सकते।  इनके लिए स्वहित सर्वोपरि होता हैं। काले धन इकठा करने की भूमिका में इस तरह के लोग ही  सक्रिय होते हैं जो देश की सरकार बनाने  की प्रक्रिया  में भी धन खर्च कर सहयोगी पृष्टभूमि निभाते हैं। इसी सहयोग के बदले  वे चुनाव बाद कालाबाजारी के माध्यम से कई गुणा धन अपने पास जमा कर लेते हैं।  इस सहयोग के कारण सरकार भी इनके खिलाफ कार्यवाही करने के मामले में आँखें बंद कर लेती हैं।  जब सरकार की आँख खुलती हैं तब तक बहुत कुछ देश का लूट गया रहता हैं।  इस दिशा में मंथन करने की आवश्यकता हैं।  - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार 
     भरत मिश्र प्राची की प्रकाशित पुस्तकें !
१. भोर की तलाश(उपन्यास) प्रकाशक:- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली 
२. मोहभंग ((उपन्यास)       प्रकाशक :- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली
३. सूरज को उगने दो (काव्य) प्रकाशक :- सुरेंद्रकुमार एंड संज ,३०/२१ए -२२ए,गली न.९ विश्वस नगर शाहदरा  दिल्ली
४. संस्कार  ( कहानी संग्रह ) प्रकाशक :- सिल्वर बैल एम -७२ पंचशील गार्डन ,नवीन शाहदरा दिल्ली 
५. सत्ता संघर्ष(निबंध संग्रह) प्रकाशक :- अक्षर माला ए -४७ अमर कालोनी लाजपत नगर  नई  दिल्ली ११००२४ 
६. शून्य काल(निबंध संग्रह )प्रकाशक :- विद्यापीठ पब्लिकेशन हॉउस २/६० ए भीम गली विश्वास नगर शाहदरा दिल्ली 
७. गुलामी की ओर बढ़ते कदम (निबंध संग्रह ) प्रकाशक :-मैग्पाई पब्लिशर्स  एम -७२ पंचशील गार्डन,नवीन शाहदरा दिल्ली32
८ सत्ता , मुद्दा और राजनीति (निबंध संग्रह ) प्रकाशक : राष्ट्रीय पुस्तक सदन  दिल्ली - ११००९४ मूल्य २००रुपये वर्ष २०१३ 
९ लाभ तंत्र (निबंध संग्रह ) प्रकाशक : नवयुग साहित्य परिषद , दिल्ली मूल्य २०० रूपये 
१० पैसा बोलता है ( निबंध  संग्रह) प्रकाशक:-  लक्ष्मी  बुक हॉउस  ६/४९ तृतीय तल गली न. विश्वाश नगर  शाहदरा दिल्ली मूल्य २५० रूपये 
११ डॉ  प्राची के निबंधों में समकालीन बोध : लेखक : डॉ. दीनानाथ सिंह प्रकाशक:- चेतन साहित्य मंदिर ए -४७ अमर कालोनी लाजपत                                                              नगर  नई  दिल्ली ११००२४ मूल्य १५० रूपये 
१२. बहुचर्चित कहानियां : संपादक : भरत मिश्र प्राची, प्रकाशक : वार्ष्णेय प्रकाशन शाहदरा दिल्ली मूल्य :२५०रूपये वर्ष 2014  
यदि आप इन पुस्तकों को मंगाना चाहते हैं तो सीधे प्रकाशक से संपर्क कर सकते हैं या मुझे पत्र लिख सकते हैं।  इन पुस्तकों पर अधिकतम छूट का प्रावधान हैं। 
_ कलावती देवी प्रकाशक डी -९६ सेक्टर ३ए खेतड़ी  नगर -३३३५०४ झुंझुनू  राजस्थान मोब. 9414541326