Friday, March 6, 2015

Happy Holi

होली का रंग 
सभी के संग
करे न तंग। 
२ 
घर आँगन खुशियां भर जाए ,
दुश्मन भी दुश्मनी भुलाये । 
आओ ! हमसब गले लग जाएं  
होली की हार्दिक शुभकामनाएं। 
      - भरत मिश्र प्राची , पत्रकार , जयपुर 

         9414541326 

फ़ाग गीत 
बहल बसंती बयार जब , बउरायल मनवा होरी में ,
ढोलक ढाल मजीरा लेकर , निकल पड़ल सब खोरी में। 
केकर- केकर हाल  बताई , केकर -केकर चाल बताई ,
नवका- नवकी , बुढ़वा -बुढ़िया बउरायल सब होरी में। 
घर- घर में भांग घोराइल , जगह- जगह स्वांग रचाइल,
गावत फ़ाग ख़ुशी से झूमत , घूम  रहल सब होरी में। 
रंग , गुलाल गुलाब छितराइलबेदर्दी मौसम इतराइल ,
बाग  बगीचा घर गलीचा , गमक रहल सब होरी में। 
अइसन नशा फ़ाग के आइल , दुश्मन भी दुश्मनी भुलाइल ,
हाथ बढ़ाकर , गले लगाकर , मिल रहल सब होरी में. 
देखीं जब सबके मुस्काइल , समझी बसंत यहां पर आइल ,
छुटे लागल हंसी फब्बारा , मस्त हो गइल सब होरी में।  
जे पर चाहीं जे रंग डालीं , जे चाहीं रउआ उ पा  लिहीं ,
अइसन मौका फिर ना आई , लुफ्त उठा लीं होरी में। 
आजु केहु से ना खिसियाई ,प्रेम  रंग सब पर बरसाईं ,
भूल जाई सब वैर भाव , गले लगा लीं होरी में। 
करुआ लगे न सबके बोलीं , करत आजु सब ठिठोली ,
फिर भी रउआ सोंच समझी के , कदम बढाईं होरी में 
        - भरत मिश्र प्राची ( कवि, लेखक , पत्रकार ) जयपुर राजस्थान 


दुश्मन भी दुश्मनी भुलाये ।