Monday, January 8, 2018

पाक अच्छा पड़ौसी बन न पाया !

 पाक अच्छा पड़ौसी बन पाया !
पाक आज तक अच्छा पड़ौसी बन पाया ,
जब से अलग हुआ,तब से दुश्मनी निभाया।
हर पल धोखा दिया आजतक उसने हमको ,
जब भी हमने  सह मैत्री का हाथ बढ़ाया   
दुःख -सुख में पहले पड़ौसी काम आता हैं ,
इस तथ्य को आजतक नहीं समझ वह पाया। 
मिलन हेतु जो खोल दिए बंद द्वार हमने ,
आतंकवादियों की हीं  घुसपैठ कराया  
तड़प रहे जन-जन दोनों ओर सह मिलन को ,
कठोर ह्रदय पाक का अबतक पिघल पाया  
सीमा पर बेवजह तनाव बना रहता हैं ,
निर्दोष लहू सदा पाक ने बहुत बहाया। 
पहले तो अंग्रेज लड़ाये हम दोनों को ,
आज भी हम लड़ रहे,ऐसा पाक बनाया।
उसके मन में जहर आजतक जो घोला है ,
बार-बार कोशिश की पर नहीं निकल पाया।
भारत-पाक मिल सके ,नहीं चाहता कोई ,
इसलिए समय -समय पर पाक को भड़काया !

        - भरत मिश्र प्राची , जयपुर

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