जनसुविधाओं से वंचित है देश के सभी बस स्टैंड!
-भरत िमश्र प्राची
दिल्ली का
धौला
कुंआ
राजस्थान
एवं
हरियाणा
क्षेत्र
से
जुड़ी
यात्राओं
के
क्रम
में
प्रवेश
एवं
निकास
का
मुख्य
द्वार
है।
जहां
से
प्रतिदिन
देश
के
वि भि न्न
भागों
से दिल्ली होकर
राजस्थान
एवं
हिरयाणा
राज्य
की
ओर
सैंकड़ों
बसों
का
आवागमन
जारी
है
पर
आजतक
इस
बस
स्टैड
के
आस
पास
न
तो
कोई सुलभ शौचालय है,
न
मूत्रालय,
न शुद्ध
पेयजल
ही
।
जब
कि दिल्ली के
बाहर
एवं
अन्दर
की
ओर
आने
जाने
वाली
सैंकड़ों
लोकल
बसों
का
भी
यह
मुख्य
बस
स्टैंड
भी
है।
जहां
सवारियां
उतरती
एवं
चढती
इंतजार
करती
है।
यहां
सुलभ शौचालय एवं
मूत्रालय
नहीं
होने
से
आस
-
पास
गंदगी
तो
फैलती
ही
है
,
विशेष रूप
से
महिला
सवारियों
को
काफी परेशानी होती
है।
एक
तरफ
सरकार
सफाई अभियान
चलाकर
स्वच्छता
का
संदेश दे
रही
है
तो
दूसरी
ओर
इस
तरह
के
जरूरी
जनोपयोगी
स्थल
इस
मामले
में उपेक्षित हो
रहे
है।
इस
तरह
के
हालात
के
बीच
से
देश के
तमाम
छोटे
-
बड़े
प्राय:
सभी
बस
स्टैड
गुजर
रहे
है
जहां
आम
जरूरत
की
जनसुविधाएं
पीने
का
पानी
,
शौचालय,
मूत्रालय
आदि उपलब्ध
नहीं
है। कही कहीं तो
इस
जगह
पर
धूप, वर्षा से
बचाव
के
लिए
बसों
की
प्रतीक्षा
में
खड़े यात्रियों के
लिए
न
तो
छत्रछाया
है,
न
ही
बैठने
के
लिए
उपयुक्त
स्थान।
जहां
है
भी
वे
देखभाल
के
आभाव
में
इस
हालात
में
नहीं
जिसका
उपयोग
किया
जा
सके
।
आज
तक
इस दिशा
में
स्थानीय
प्रशासन
तो
मौन
है
ही
देश के
सांसद
जो
दिल्ली
में
रहते
हैं,
विधायक
जो
राज्यों
रहते
है
,वे
सभी
मौन
हैं। जब कि दिल्ली संसद , राजस्थान , बिहार सहित अन्य राज्यों में विधानसभा भी चल रही हैं । इस
ओर
किसी
का
भी
ध्यान
नहीं,
जो
बहुत
जरूरी
है।
यात्रा
प्रसंग
से
जुड़ा
हर
बस
स्टैंड
जनसुिवधाओं
के
अभाव
में
याित्रयों
की
परेशानी,
असुरक्षा
एवं
दूि”ात
वातावरण
का
केन्द्र
बन
चुका
है।
शौचालय
एवं
मूत्रालय
नहीं
होने
से
बसों
से
जुड़े
पुरू”ा
याित्रयों
द्वारा
आस-पास
मूत्रालय
करने
से
दूि”ात
वातावरण
बनना
स्वाभािवक
है।
हजारों
िकलोमीटर
दूर
की
यात्रा
से
जुड़े
याित्रयों
के
िलए बस स्टैंड पर यात्रा से जुड़ी तमाम जनसुिवधाओं का न होना यात्रा के सकारात्मक पहलूओं को भी नकारता है। इस तरह के महत्वपूणर् पिरवेश को नजरअंदाज नहीं िकया जाना चािहए। यात्रा से जुड़ी तमाम जनसुिवधाओं का अभाव बस यात्रा के दौरान याित्रयों को खटकता रहता है।
यात्रा के दौरान राजकीय, नि जी बसें जि स स्टैंड पर रूकती है, वहां पर हर खाद्य पदार्थ महंगे दाम पर मिलते है। जिस होटल पर चाय पानी व खाना के लिए ठहरती है, उन जगहों पर यात्रियों से सामानों के मनमाने दाम लि ये जाते है जिससे वे सीधे तौर पर लूट लिये जाते। इस तरह के परिवेश से
यात्रियों को
निजात
दिलाने
के लिए आगार
व
स्थानीय
प्रशासन
द्वारा
कोई कार्यवाही नजर
नहीं
आती।
सभी
की
मिली
भगत प्रक्रिया इस
तरह
के परिवेश का
आज
कारण
बन
रही
है।
बसों
में
कई सीट
इस
तरह
फटी
हुई रहती
,जहां
बैठना मुश्किल हो
जाता।
कभी
कभी
तो
इन
फटी
सीटों
के
कारण
यात्रियों के
कपड़े
तक
फट
जाते।
इस तरह के अनेक यात्रा
से जुड़े प्रसंग है जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है। चल रही संसद एवं विधान सभा में इस दिशा में बात उठानी चाहिए।
बसों में बैठने की जगह का सही हालत में होना, बसों में चढ़ने - उतरने के पावदान का सही होना। स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था के साथ - साथ पानी, मूत्रालय एवं शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था का होना साथर्क यात्रा के लिये जरूरी है । इन स्थानों पर दुकानदारों, फेरी वालों के द्वारा जो खाद्य व पेय सामान यात्रियों को दिये जा रहे है वे अधिकृृत, शुद्ध एवं उचित दाम पर हो , इसकी पूरी व्यवस्था आगार व स्थानीय प्रशासन
की
होनी
चाहिए।
यात्रियों को
सुगम
एवं सुरक्षित यात्रा
कराने
का
दावा
तभी
पूरा
हो
सकेगा।
आज
सभी
के
सभी
बस
स्टैंड
जनसुविधाओं
से
वंचित
है।
जिसका
सवेर्क्षण
एवं
जनहित
में
समाधान
जरूरी
है।
फ्लैट नं. एफ- 2 सत्यम, लॉट नं. 120.सत्यम् शि वम् ,
जयकरनी
नगर,
नेवारू
रोड,
झोटवाड़ा,
जयपुर
(राज.)
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