Saturday, February 17, 2018

अपने अपनों पर धावा बोला !

अपने अपनों पर धावा  बोला !
भारत ने जब भी पाक द्वार खोला ,
आतंकी ने हमपर हमला बोला  
बहा सदा निर्दोष लहू हीं इसमें ,
देख इसे पाक का मन नहीं डोला
फूट का बीज जो अंग्रेज बो गये ,
बन गया वहीं आज यहां हथगोला। 
पाक पड़ोंसी कभी नहीं बन पाया ,
इस तरह का जहर उसके मन घोला। 
आज अपने हीं दुश्मनी कर बैठे ,
भड़का रहे पहने संत का चोला  
बचा ले गया आंतकवादियों को ,
अपने हीं पत्थरबाजों  का टोला  
किस किस पर सेना करे प्रहार यहां ,
जब अपने अपनों पर धावा  बोला  

            - भरत मिश्र प्राची,  जयपुर     

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