Wednesday, February 24, 2021
Saturday, February 17, 2018
अपने अपनों पर धावा बोला !
अपने अपनों पर धावा बोला !
भारत ने जब भी पाक द्वार खोला ,
आतंकी ने हमपर
हमला बोला
।
बहा सदा निर्दोष लहू हीं
इसमें ,
देख इसे पाक
का मन नहीं
डोला ।
फूट का बीज
जो अंग्रेज बो
गये ,
बन
गया वहीं आज
यहां हथगोला।
पाक पड़ोंसी कभी
नहीं बन
पाया ,
इस
तरह का जहर
उसके मन
घोला।
आज
अपने हीं
दुश्मनी कर
बैठे ,
भड़का रहे पहने
संत का चोला
।
बचा ले गया
आंतकवादियों को
,
अपने हीं पत्थरबाजों का टोला
।
किस किस पर
सेना करे
प्रहार यहां
,
जब
अपने अपनों
पर धावा बोला ।
- भरत
मिश्र प्राची,
जयपुर
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